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चेहरे पर कील-मुंहासों का ज्यादा होना है शरीर की इन 4 गड़बड़ियों का संकेत, बिलकुल भी नजरअंदाज न करें

चेहरे पर कील-मुंहासों का ज्यादा होना है शरीर की इन 4 गड़बड़ियों का संकेत, बिलकुल भी नजरअंदाज न करें

Causes of pimples on face: चेहरे पर कील-मुंहासों का ज्यादा होना असल में शरीर की कुछ गड़बड़ियों का संकेत हो सकता है। तो, इसे समझें और बचने की कोशिश करें।

चेहरे पर कील-मुंहासे होने का कारण: जब हम 12 से 22 की उम्र में होते हैं तो चेहरे पर एक्ने और मुंहासे की समस्या बढ़ जाती है। लेकिन, तब क्या जब ये समस्या इस उम्र के बाद भी बढ़ती चली जाए। हां, कई लोग हैं जो कि चेहरे पर कील-मुंहासों के ज्यादा होने से परेशान रहते हैं पर ऐसे लोग इसके सही कारणों को जान नहीं पाते और हमेशा परेशान ही रह जाते हैं। तो, आज हम शरीर की उन स्थितियों के बारे में समझेंगे जो कि चेहरे पर कील-मुंहासे होने का कारण हैं।

चेहरे पर कील-मुंहासे हों तो यह किस बात का संकेत होता है- Causes of pimples on face in hindi

1. हार्मोनल गड़बड़ियों का संकेत-Hormone imbalance

उम्र बढ़ने के साथ, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे कुछ हार्मोनों में बदलाव आपकी त्वचा को भी प्रभावित करते हैं। आपको समझना होगा कि आपका शरीर संतुलन बनाए रखने के लिए कुछ हार्मोन के साथ काम करता है, लेकिन अगर एक भी हार्मोन असंतुलित होता है, तो आपकी स्किन पर ड्राइनेस, मुंहासे, फाइन लाइन्स, झुर्रियां और कई समस्याएं हो सकती हैं। यानी कि अगर आपको ज्यादा कील-मुंहासे हो रहे हैं तो आपके शरीर में ज्यादा हार्मोन असंतुलित

2. स्ट्रेस के कारण-Stress

स्ट्रेस की वजह से आपकी स्किन पर लगातार एक्ने और मुंहासे हो सकते हैं। दरअसल, जब आप स्ट्रेस में होते हैं तो कार्टिसोल हार्मोन बढ़ता है और फिर इससे स्किन में ऑयल प्रोडक्शन बढ़ता है। इससे अलाव गंदगी से स्किन पोर्स ब्लॉक हो जाते हैं और कील-मुंहासों की समस्या बढ़ने लगती है। इसके अलावा स्ट्रेस, हार्मोन असंतुलन का भी कारण बनता है।

3. शुगर मेटाबोलिज्म स्लो हो रहा है-Slow glucose metabolism

शुगर मेटाबोलिज्म का स्लो होने का मतलब है कि आपके शरीर में चीनी पचने की गति स्लो हो गई है। इससे शरीर में शुगर बढ़ेगा जो कि स्किन के लिए बेहद नुकसानदेह है। जब आपका ब्लड शुगर बढ़ जाता है, तो यह आपके पूरे शरीर में सूजन का कारण बनता है। ये स्पाइक्स आपके शरीर में अधिक सीबम बढ़ाता है यानी कि आपकी त्वचा में एक तैलीय पदार्थ बनाने का कारण भी बनता है जिससे चेहरे पर कील-मुंहासों की समस्या ज्यादा हो सकती है।

4. स्किन की बीमारियों के कारण-Skin Diseases

फॉलिकुलिटिस (Folliculitis) , रोसैसिया (Rosacea), स्टैफ (Staph) और स्किन कैंसर (Skin cancer) जैसी स्किन की बीमारियों की शुरुआत में भी चेहरे पर कील-मुंहासे ज्यादा हो सकते हैं। इतना ही नहीं ये कील-मुंहासे बार-बार वापिस आ सकते हैं। इसके अलावा इनको ठीक होने में नार्मल से ज्यादा समय लग सकता है। इसके अलावा ये घाव जैसे गहरे भी हो सकते हैं। तो, इन तमाम कारणों का ध्यान रखें और एक्सपर्ट से दिखाएं।

 चेहरे पर कील मुंहासे हो तो क्या करना चाहिए?

नीम की पत्तियां – नीम की पत्तियों को पीसकर उन्हें चेहरे पर लगाने से फुंसियां, कील-मुंहासे की समस्या से राहत मिल सकती है। चेहरे पर भाप – स्टीम लेने से स्किन के पोर्स खुल जाते हैं और त्वचा को सांस लेने में आसानी होती है। इससे गंदगी नहीं जमती और पिंपल्स की समस्या से राहत मिल सकती है।

मुंहासों के जोखिम कारक

मुंहासे आमतौर पर किशोर और युवा लोगों के अधिक होते हैं। हालांकि, यह किसी भी उम्र के व्यक्ति के हो सकते हैं लेकिन किशोरावस्था के दौरान पुरुषों में मुंहासों की समस्या अधिक आम होती है और वयस्कता के दौरान महिलाओं में प्रमुख है।

मुंहासों के प्रकार

बता दें कि छह प्रकार के मुंहासे होते हैं, जिसमें ब्लैकहेड्स, वाइटहेड्स, दानें और अल्सर जैसी समस्याएं प्रमुख हैं।

1-ब्लैकहेड्स: आपकी स्किन पर मौजूद ब्लैकहेड्स काले रंग के जिद्दी दाग होते हैं, जो डेड स्किन सेल्स और अतिरिक्त ऑयल के कारण स्किन पोर्स के खुल जाने पर होते हैं। इन पोर्स में मौजूद ऑयल, हवा के संपर्क में आने के कारण काला पड़ जाता है।

2-व्हाइटहेड्स: व्हाइटहेड्स तब होते हैं, जब डेड स्किन सेल्स और ऑयल से पोर्स बंद हो जाते हैं।

3:- छोटे-छोटे थक्के (Papules): इस प्रकार के छोटे-छोटे लाल थक्के तब होते हैं जब आप अपने चेहरे को ज्यादा छूते हैं और इन्हें छूने पर दर्द होता है।

4-पिंपल्स: इस प्रकार के छोटे-छोटे लाल थक्के आपकी स्किन पर एक सफेद टिप की तरह दिखाई देते हैं। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि पिंपल्स, मवाद से भरे होते हैं।

5-गांठ (Nodules): इस प्रकार के मुंहासे आपकी स्किन में गहराई से छिपे होते हैं, जो काफी ठोस होते हैं।

6-सिस्ट : सिस्ट, मवाद से भरी बड़ी गांठ होती है, जो मुंहासों का सबसे गंभीर रूप है और इससे आपकी स्किन पर स्थायी निशान पैदा हो सकते हैं।

मुंहासों का डायग्नोसिस

एक डॉक्टर आमतौर पर आपकी स्किन की जांच कर मुंहासे को डायग्नोस कर सकता है। डॉक्टर मुंहासे के प्रकार और मुंहासे के आने का पता लगा आपको सही उपचार के बारे में बता सकता है। बता दें कि स्किन पर होने वाली कुछ अन्य परेशानियां मुंहासों जैसी प्रतीत होती है, जिसके कारण उपचार का तरीका अलग हो सकता है। इन स्थितियों में एक अलग उपचार रणनीति की आवश्यकता होती है जैसेः

1-Rosaceae

2-Folliculitis

मुंहासों से बचाव और इलाज

बचाव

शरीर में होने वाले सामान्य हार्मोनल परिवर्तन से हुए मुंहासे को रोकना मुश्किल है, लेकिन यह काम बिल्कुल भी असंभव नहीं है। आप मुंहासे को बढ़ने की संभावनाओं को कुछ इस तरह कम कर सकते हैंः

अपने चेहरे को रोजाना माइल्ड फेस क्लींजर और गर्म पानी से धोएं।

नियमित रूप से मॉइस्चराइजर का प्रयोग करें।

चेहरे को छूने से बचें।

जो लोग मेकअप करते हैं उन्हें “गैर-कॉमेडोजेनिक” लेबल वाले उत्पादों का उपयोग करना चाहिए ताकि वह उत्पाद आपके छिद्रों को अवरुद्ध न करें। सोने से पहले मेकअप को हटाना बहुत ही जरूरी है।

मुंहासे के उपचार के लिए डॉक्टर आपको ट्रॉपिक्ल दवाओं जैसे जेल, क्रीम, लोशन या सॉल्यूशन को स्किन पर लगाने की सलाह दे सकता है। डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली प्रमुख दवाओं में शामिल हैंः

1-बेंजोयल पेरोक्साइड (बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए)

2-नए मुंहासे को आने से रोकने के लिए टैजरोटीन, ट्रेटीनोइन और एडापेलीन जैसे रेटिनोइड्स।

3-एरिथ्रोमाइसिन और क्लिंडामाइसिन जैसे एंटीबायोटिक्स ताकि मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया के विकास को धीमा किया जा सके।

4-व्हाइटहेड्स और ब्लैकहेड्स से भरे ऑयल और डेड स्किन सेल्स को खाली करने के लिए सैलिसिलिक एसिड।

5- अन्य दवाएं- डैप्सोन (Dapsone) और एजीलैक (azelaic) एसिड।

जीवनशैली में बदलाव ला सकता है मुंहासों में कमी

अगर आप कोई अच्छा स्किन केयर रूटीन फॉलो नहीं कर रहे हैं तो निश्चित रूप से मुंहासों का शिकार हो सकते हैं। इसलिए, जरूरी है कि आप एक सही और अच्छे स्किन केयर रूटीन को फॉलो करें या फिर जीवनशैली में निम्नलिखित उपायों को लागू करें ताकि आप मुंहासों के प्रकोप से बच सकें।
1-दिन में कम से कम दो बार अपना चेहरा जरूर धोएं। इसके अलावा, पसीना आने के बाद अपने चेहरे को जल्द से जल्द धो लें।
2-त्वचा पर हमेशा जेंटल, अल्कोहल फ्री प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें। एक्सफोलिएंट्स, एस्ट्रिंजेंट और टोनर जैसे उत्पादों के उपयोग से बचें क्योंकि ये त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं।
3-त्वचा को स्क्रब न करें।
4-क्लींजर लगाने के लिए जालीदार कपड़े या वॉशक्लॉथ के बजाय अपनी उंगलियों का उपयोग करें।
5-चेहरे को धोने के लिए हमेशा गुनगुने पानी का उपयोग करें।
6-दिन भर में बार-बार चेहरे को छूने की आदत छोड़िए।
7-जिन लोगों के बाल ऑयली हैं उन्हें नियमित रूप से शैम्पू करना चाहिए।
8-अगर मुंहासों के लिए किसी प्रकार की दवाई लगाई है तो धूप में बाहर निकलने से बचें क्योंकि कुछ दवाएं पराबैंगनी प्रकाश में आने पर त्वचा की संवेदनशीलता को बढ़ाती हैं।
9-मुंहासों को दबाने या फिर फोड़ने की कोशिश न करें क्योंकि ये फिर ठीक होने में अधिक समय ले सकते हैं और निशान का कारण बन सकते हैं।

निदान और जटिलताएं

निदान

सही उपचार मुंहासों को आने से रोक सकता है और चेहरे पर निशान को दूर करने में मदद कर सकता है। हालांकि, बेहतर परिणाम के लिए दवा को हफ्ते या महीने भी लग सकते हैं।

जटिलताएं

गंभीर रूप से चेहरे पर दिखाई देने वाले मुंहासे आजीवन शारीरिक निशान छोड़ सकते हैं। ये निशान आपमें आत्मसम्मान की कमी और सामाजिक समारोहों और खेल गतिविधियों में भाग लेने से आपको रोक सकती है।

मुंहासों का वैकल्पिक उपचार

मुंहासों को ठीक करने के लिए आपका डॉक्टर इन थेरेपी को प्रयोग में लाने की सलाह दे सकता हैः
1-स्टेरॉयड
डॉक्टर गंभीर मुंहासों या फिर बड़ी गांठ के इलाज के लिए स्टेरॉयड के उपयोग की सलाह दे सकता है।
2-कैमिकल पील
डॉक्टर, मुंहासे के निशान को कम करने के लिए कैमिकल पील की सलाह दे सकता है। इसमें आपकी स्किन की ऊपरी परत को हटाने के लिए विशेष रसायनों का उपयोग किया जाता है, इस कारण से कैमिकल पील उपचार कहा जाता है।
3-डर्माब्रेशन
इस थेरेपी में स्किन की ऊपरी परत को हटाने और निशान के दाग को कम करने के लिए एक विद्युत मशीन का उपयोग किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को डर्मब्रेशन कहते हैं।
4-लेजर
5-इस पूरी प्रक्रिया में मुख्य रूप से मुंहासे के निशान को दूर करना का इलाज किया जाता है। इसमें विशेष लेजर तकनीक का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया में स्किन को गर्मी दी जाती है ताकि नए स्किन सेल्स के विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
5-डर्मल फिलर इंजेक्शन
डर्मल फिलर इंजेक्शन, ठीक स्किन के नीचे लगाया जाता है, जो त्वचा के कोलेजन को रिस्टोर करने और मुंहासे का इलाज करने में मदद करता है।
6-लाइट एंड हीट एनर्जी थेरेपी
ये थेरेपी मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को नष्ट करने के लिए की जाती है।
7-फोटोथेरेपी / ब्लू लाइट थेरेपी
इस थेरेपी को मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया को कम करने के लिए किया जाता है, जिसमें एक नीले प्रकाश का इस्तेमाल स्किन पर किया जाता है।
8-ऑटोलॉगस फैट ट्रांसफर
इस उपचार प्रक्रिया में निशान के नीचे वाली स्किन के फैट को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाया जाता है। इस उपचार प्रक्रिया में मुंहासे के गंभीर निशान के कारण हुए त्वचा के दोषों को ठीक किया जाता है।
9-पंच ग्राफ्ट्स
इसमें आपकी हेल्दी स्किन को प्रभावित स्किन से बदला जाता है।

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